गोकशी के खिलाफ राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के धरने में गूंजी मांग गाय को राष्ट्रीय प्राणी घोषित करो
"गाय बचेगी तो देश बचेगा, बंगाल जागेगा तो देश जागेगा", इस नारे के साथ प. बंगाल के हजारों राष्ट्रभक्त मुस्लिमों ने देश में हो रही गोकशी के विरुद्ध एकजुटता दिखाते हुए राष्ट्रीय मुस्लिम मंच द्वारा आयोजित धरने में भाग लिया। धरने का आयोजन गत 9 दिसम्बर को कोलकाता में महाजाति सदन के निकट किया गया था। इस धरने में सर्वोदय विचार मंच, अभ्युदय लोक कल्याण संस्थान का भी सहयोग रहा। धरने में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए मंच के राष्ट्रीय संयोजक श्री गिरीश जुयाल ने कहा कि भारत में गोकशी गैर कानूनी है, लेकिन गो हत्या केवल कानून बना लेने से ही नहीं बन्द होगी। मंच ने समाज के सभी वर्गों में गोकशी के विरुद्ध जागरूकता लाने के लिए वर्ष 2009 को गो वंश चेतना वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। श्री जुयाल ने बताया कि हमने सरकार से देश में सभी प्रकार के कत्लखाने बंद करने, गाय को राष्ट्रीय प्राणी घोषित करने और गाय के संरक्षण हेतु एक मंत्रालय बनाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि देश के 22 राज्यों में यह आन्दोलन चलाया जा रहा है। धरने को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय इमाम संगठन के महासचिव उमेर इलियासी ने उपस्थित मुस्लिमों से आह्वान किया कि वे यह कसम लें कि बकरीद पर गोहत्या नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि गोकशी पाप है और इसके विरोध में मुस्लिम समाज के पढ़े-लिखे तबके को आगे आना चाहिए। मंच के राज्य संयोजक खालिद अन्सारी ने कहा कि देश के सर्वोच्च न्यायालय ने गत 16 नवम्बर, 1994 को गोकशी के खिलाफ दिशानिर्देश दिए थे, राज्य सरकार उनका पालन कड़ाई से नहीं करा रही है, जिसके परिणामस्वरूप राज्य से सीमापार बंगलादेश तक गोतस्करी बेरोकटोक जारी है। राज्य सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। बिहार सरकार में मंत्री डा. अफजल शमसी ने कहा कि देश में गोकशी पर प्रतिबन्ध है और मुसलमानों को भी देश के कानून का सम्मान करना चाहिए। इस्लाम में पड़ोसी की भावनाओं का ध्यान रखने की शिक्षा दी गयी है। देश में हिन्दू गो माता की पूजा करते हैं तो मुसलमानों को भी उनकी इस भावना का सम्मान करते हुए गोकशी का विरोध करना चाहिए। धरने में मंच की पूर्वोत्तर भारत प्रभारी सुश्री इसरत खातून ने कहा कि राज्य की कम्युनिस्ट सरकार गोकशी और गोे तस्करी रोकने में नाकाम रही है। उल्लेखनीय है कि मंच ने गत दिनों गोकशी के विरुद्ध मुसलमानों के बीच हस्ताक्षर अभियान चलाया था, जिसे मंच के नेताओं ने राज्य सरकार को सौंपकर राज्य में गोकशी और गो तस्करी पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाने की मांग की है। इससे पूर्व गोकशी के विरुद्ध कोलकाता के खिदरपुर बाबू बाजार ट्राम डिपो पर 7 दिसम्बर को आयोजित धरने में कुछ असामाजिक तत्वों ने मारपीट की थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने दंगाईयों को पकड़ने की बजाय 36 गो भक्तों को ही पकड़ लिया। बाद में श्री शम्भूनाथ सिंह, श्री श्रवण कुमार, श्री कान्ताप्रसाद पंडित, श्री विजयराज गुप्ता, श्री प्रदीप सिंह के विरुद्ध मामला दर्ज करते हुए बाकी लोगों को छोड़ दिया। बासुदेब पाल
गोकशी के खिलाफ राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के धरने में गूंजी मांग गाय को राष्ट्रीय प्राणी घोषित करो
"गाय बचेगी तो देश बचेगा, बंगाल जागेगा तो देश जागेगा", इस नारे के साथ प. बंगाल के हजारों राष्ट्रभक्त मुस्लिमों ने देश में हो रही गोकशी के विरुद्ध एकजुटता दिखाते हुए राष्ट्रीय मुस्लिम मंच द्वारा आयोजित धरने में भाग लिया। धरने का आयोजन गत 9 दिसम्बर को कोलकाता में महाजाति सदन के निकट किया गया था। इस धरने में सर्वोदय विचार मंच, अभ्युदय लोक कल्याण संस्थान का भी सहयोग रहा। धरने में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए मंच के राष्ट्रीय संयोजक श्री गिरीश जुयाल ने कहा कि भारत में गोकशी गैर कानूनी है, लेकिन गो हत्या केवल कानून बना लेने से ही नहीं बन्द होगी। मंच ने समाज के सभी वर्गों में गोकशी के विरुद्ध जागरूकता लाने के लिए वर्ष 2009 को गो वंश चेतना वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। श्री जुयाल ने बताया कि हमने सरकार से देश में सभी प्रकार के कत्लखाने बंद करने, गाय को राष्ट्रीय प्राणी घोषित करने और गाय के संरक्षण हेतु एक मंत्रालय बनाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि देश के 22 राज्यों में यह आन्दोलन चलाया जा रहा है। धरने को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय इमाम संगठन के महासचिव उमेर इलियासी ने उपस्थित मुस्लिमों से आह्वान किया कि वे यह कसम लें कि बकरीद पर गोहत्या नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि गोकशी पाप है और इसके विरोध में मुस्लिम समाज के पढ़े-लिखे तबके को आगे आना चाहिए। मंच के राज्य संयोजक खालिद अन्सारी ने कहा कि देश के सर्वोच्च न्यायालय ने गत 16 नवम्बर, 1994 को गोकशी के खिलाफ दिशानिर्देश दिए थे, राज्य सरकार उनका पालन कड़ाई से नहीं करा रही है, जिसके परिणामस्वरूप राज्य से सीमापार बंगलादेश तक गोतस्करी बेरोकटोक जारी है। राज्य सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। बिहार सरकार में मंत्री डा. अफजल शमसी ने कहा कि देश में गोकशी पर प्रतिबन्ध है और मुसलमानों को भी देश के कानून का सम्मान करना चाहिए। इस्लाम में पड़ोसी की भावनाओं का ध्यान रखने की शिक्षा दी गयी है। देश में हिन्दू गो माता की पूजा करते हैं तो मुसलमानों को भी उनकी इस भावना का सम्मान करते हुए गोकशी का विरोध करना चाहिए। धरने में मंच की पूर्वोत्तर भारत प्रभारी सुश्री इसरत खातून ने कहा कि राज्य की कम्युनिस्ट सरकार गोकशी और गोे तस्करी रोकने में नाकाम रही है। उल्लेखनीय है कि मंच ने गत दिनों गोकशी के विरुद्ध मुसलमानों के बीच हस्ताक्षर अभियान चलाया था, जिसे मंच के नेताओं ने राज्य सरकार को सौंपकर राज्य में गोकशी और गो तस्करी पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाने की मांग की है। इससे पूर्व गोकशी के विरुद्ध कोलकाता के खिदरपुर बाबू बाजार ट्राम डिपो पर 7 दिसम्बर को आयोजित धरने में कुछ असामाजिक तत्वों ने मारपीट की थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने दंगाईयों को पकड़ने की बजाय 36 गो भक्तों को ही पकड़ लिया। बाद में श्री शम्भूनाथ सिंह, श्री श्रवण कुमार, श्री कान्ताप्रसाद पंडित, श्री विजयराज गुप्ता, श्री प्रदीप सिंह के विरुद्ध मामला दर्ज करते हुए बाकी लोगों को छोड़ दिया। बासुदेब पाल
गोकशी के खिलाफ राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के धरने में गूंजी मांग गाय को राष्ट्रीय प्राणी घोषित करो
ReplyDelete"गाय बचेगी तो देश बचेगा, बंगाल जागेगा तो देश जागेगा", इस नारे के साथ प. बंगाल के हजारों राष्ट्रभक्त मुस्लिमों ने देश में हो रही गोकशी के विरुद्ध एकजुटता दिखाते हुए राष्ट्रीय मुस्लिम मंच द्वारा आयोजित धरने में भाग लिया। धरने का आयोजन गत 9 दिसम्बर को कोलकाता में महाजाति सदन के निकट किया गया था। इस धरने में सर्वोदय विचार मंच, अभ्युदय लोक कल्याण संस्थान का भी सहयोग रहा। धरने में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए मंच के राष्ट्रीय संयोजक श्री गिरीश जुयाल ने कहा कि भारत में गोकशी गैर कानूनी है, लेकिन गो हत्या केवल कानून बना लेने से ही नहीं बन्द होगी। मंच ने समाज के सभी वर्गों में गोकशी के विरुद्ध जागरूकता लाने के लिए वर्ष 2009 को गो वंश चेतना वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। श्री जुयाल ने बताया कि हमने सरकार से देश में सभी प्रकार के कत्लखाने बंद करने, गाय को राष्ट्रीय प्राणी घोषित करने और गाय के संरक्षण हेतु एक मंत्रालय बनाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि देश के 22 राज्यों में यह आन्दोलन चलाया जा रहा है। धरने को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय इमाम संगठन के महासचिव उमेर इलियासी ने उपस्थित मुस्लिमों से आह्वान किया कि वे यह कसम लें कि बकरीद पर गोहत्या नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि गोकशी पाप है और इसके विरोध में मुस्लिम समाज के पढ़े-लिखे तबके को आगे आना चाहिए। मंच के राज्य संयोजक खालिद अन्सारी ने कहा कि देश के सर्वोच्च न्यायालय ने गत 16 नवम्बर, 1994 को गोकशी के खिलाफ दिशानिर्देश दिए थे, राज्य सरकार उनका पालन कड़ाई से नहीं करा रही है, जिसके परिणामस्वरूप राज्य से सीमापार बंगलादेश तक गोतस्करी बेरोकटोक जारी है। राज्य सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। बिहार सरकार में मंत्री डा. अफजल शमसी ने कहा कि देश में गोकशी पर प्रतिबन्ध है और मुसलमानों को भी देश के कानून का सम्मान करना चाहिए। इस्लाम में पड़ोसी की भावनाओं का ध्यान रखने की शिक्षा दी गयी है। देश में हिन्दू गो माता की पूजा करते हैं तो मुसलमानों को भी उनकी इस भावना का सम्मान करते हुए गोकशी का विरोध करना चाहिए। धरने में मंच की पूर्वोत्तर भारत प्रभारी सुश्री इसरत खातून ने कहा कि राज्य की कम्युनिस्ट सरकार गोकशी और गोे तस्करी रोकने में नाकाम रही है। उल्लेखनीय है कि मंच ने गत दिनों गोकशी के विरुद्ध मुसलमानों के बीच हस्ताक्षर अभियान चलाया था, जिसे मंच के नेताओं ने राज्य सरकार को सौंपकर राज्य में गोकशी और गो तस्करी पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाने की मांग की है। इससे पूर्व गोकशी के विरुद्ध कोलकाता के खिदरपुर बाबू बाजार ट्राम डिपो पर 7 दिसम्बर को आयोजित धरने में कुछ असामाजिक तत्वों ने मारपीट की थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने दंगाईयों को पकड़ने की बजाय 36 गो भक्तों को ही पकड़ लिया। बाद में श्री शम्भूनाथ सिंह, श्री श्रवण कुमार, श्री कान्ताप्रसाद पंडित, श्री विजयराज गुप्ता, श्री प्रदीप सिंह के विरुद्ध मामला दर्ज करते हुए बाकी लोगों को छोड़ दिया। बासुदेब पाल
गोकशी के खिलाफ राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के धरने में गूंजी मांग गाय को राष्ट्रीय प्राणी घोषित करो
ReplyDelete"गाय बचेगी तो देश बचेगा, बंगाल जागेगा तो देश जागेगा", इस नारे के साथ प. बंगाल के हजारों राष्ट्रभक्त मुस्लिमों ने देश में हो रही गोकशी के विरुद्ध एकजुटता दिखाते हुए राष्ट्रीय मुस्लिम मंच द्वारा आयोजित धरने में भाग लिया। धरने का आयोजन गत 9 दिसम्बर को कोलकाता में महाजाति सदन के निकट किया गया था। इस धरने में सर्वोदय विचार मंच, अभ्युदय लोक कल्याण संस्थान का भी सहयोग रहा। धरने में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए मंच के राष्ट्रीय संयोजक श्री गिरीश जुयाल ने कहा कि भारत में गोकशी गैर कानूनी है, लेकिन गो हत्या केवल कानून बना लेने से ही नहीं बन्द होगी। मंच ने समाज के सभी वर्गों में गोकशी के विरुद्ध जागरूकता लाने के लिए वर्ष 2009 को गो वंश चेतना वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। श्री जुयाल ने बताया कि हमने सरकार से देश में सभी प्रकार के कत्लखाने बंद करने, गाय को राष्ट्रीय प्राणी घोषित करने और गाय के संरक्षण हेतु एक मंत्रालय बनाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि देश के 22 राज्यों में यह आन्दोलन चलाया जा रहा है। धरने को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय इमाम संगठन के महासचिव उमेर इलियासी ने उपस्थित मुस्लिमों से आह्वान किया कि वे यह कसम लें कि बकरीद पर गोहत्या नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि गोकशी पाप है और इसके विरोध में मुस्लिम समाज के पढ़े-लिखे तबके को आगे आना चाहिए। मंच के राज्य संयोजक खालिद अन्सारी ने कहा कि देश के सर्वोच्च न्यायालय ने गत 16 नवम्बर, 1994 को गोकशी के खिलाफ दिशानिर्देश दिए थे, राज्य सरकार उनका पालन कड़ाई से नहीं करा रही है, जिसके परिणामस्वरूप राज्य से सीमापार बंगलादेश तक गोतस्करी बेरोकटोक जारी है। राज्य सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। बिहार सरकार में मंत्री डा. अफजल शमसी ने कहा कि देश में गोकशी पर प्रतिबन्ध है और मुसलमानों को भी देश के कानून का सम्मान करना चाहिए। इस्लाम में पड़ोसी की भावनाओं का ध्यान रखने की शिक्षा दी गयी है। देश में हिन्दू गो माता की पूजा करते हैं तो मुसलमानों को भी उनकी इस भावना का सम्मान करते हुए गोकशी का विरोध करना चाहिए। धरने में मंच की पूर्वोत्तर भारत प्रभारी सुश्री इसरत खातून ने कहा कि राज्य की कम्युनिस्ट सरकार गोकशी और गोे तस्करी रोकने में नाकाम रही है। उल्लेखनीय है कि मंच ने गत दिनों गोकशी के विरुद्ध मुसलमानों के बीच हस्ताक्षर अभियान चलाया था, जिसे मंच के नेताओं ने राज्य सरकार को सौंपकर राज्य में गोकशी और गो तस्करी पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाने की मांग की है। इससे पूर्व गोकशी के विरुद्ध कोलकाता के खिदरपुर बाबू बाजार ट्राम डिपो पर 7 दिसम्बर को आयोजित धरने में कुछ असामाजिक तत्वों ने मारपीट की थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने दंगाईयों को पकड़ने की बजाय 36 गो भक्तों को ही पकड़ लिया। बाद में श्री शम्भूनाथ सिंह, श्री श्रवण कुमार, श्री कान्ताप्रसाद पंडित, श्री विजयराज गुप्ता, श्री प्रदीप सिंह के विरुद्ध मामला दर्ज करते हुए बाकी लोगों को छोड़ दिया। बासुदेब पाल